आजकल Tech दुनिया में एक बहुत बड़ी खबर चर्चा में है। अगर आप एक iPhone user हैं या Tech news में interest रखते हैं, तो आपने जरूर सुना होगा कि Apple और Indian Government के बीच एक नयी बहस शुरू हो गयी है।
बात यह है कि भारत सरकार चाहती है कि सभी smartphones में कुछ security और anti-spam apps (जैसे कि Sanchar Saathi features या spam detection tools) पहले से install होकर आएं। लेकिन Apple ने इस order को मानने से मना कर दिया है (Refuse कर दिया है)।
आखिर Apple ने ऐसा क्यों किया? क्या यह Apple का घमंड है या फिर इसके पीछे कोई valid reason है? और सबसे बड़ी बात, इसका आम iPhone users पर क्या असर होगा? आज के इस ब्लॉग में हम इसी topic को एकदम आसान भाषा में समझेंगे।

Indian Government का Order क्या था?
सबसे पहले समझते हैं कि सरकार क्या चाहती है। Indian Government, खास तौर पर Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY), चाहती है कि भारत में बिकने वाले सभी smartphones में कुछ खास features और apps pre-installed हों।
इसके पीछे सरकार का मकसद बहुत अच्छा है:
Safety: ताकि users fraud और spam calls से बच सकें।
Tracking: अगर फोन चोरी हो जाए, तो उसे track करना आसान हो।
Security: Indian users को cyber threats से बचाना।
सरकार का कहना है कि जैसे Android फोन्स में बहुत सारे apps पहले से आते हैं, वैसे ही Apple को भी security apps pre-load करने चाहिए।
Apple ने मना क्यों किया? (The Core Reason)
Apple अपनी Privacy और Security को लेकर बहुत strict रहता है। जब सरकार ने यह suggestion दिया, तो Apple ने politely लेकिन firmly मना कर दिया। इसके पीछे Apple के पास कुछ solid reasons हैं:
1. The “Walled Garden” Philosophy
Apple अपने ecosystem को एक “Walled Garden” (दीवारों वाला बागीचा) मानता है। इसका मतलब है कि Apple अपने iPhone के अंदर क्या रहेगा और क्या नहीं, इसका पूरा control अपने पास रखता है। Apple का मानना है कि अगर वो third-party apps या government apps को pre-install करना शुरू कर देंगे, तो उनके system की security कमजोर हो सकती है।
2. No Bloatware Policy
आपने देखा होगा कि जब आप कोई नया Android फोन खरीदते हैं (खासकर budget phones), तो उसमें पहले से ही बहुत सारे apps होते हैं जैसे Facebook, Snapchat, Moj, Josh, आदि। इन्हें हम Tech भाषा में “Bloatware” कहते हैं।
Apple की सबसे बड़ी USP (Unique Selling Point) यही है कि जब आप iPhone खरीदते हैं, तो वो एकदम clean होता है। उसमें कोई भी फालतू app नहीं होता। Apple को लगता है कि अगर उन्होंने सरकार की बात मानकर apps pre-load किये, तो iPhone का User Experience खराब हो जाएगा।
3. Security Risks
Apple का कहना है कि अगर वो किसी app को system level पर access देते हैं, तो इससे hackers के लिए भी रास्ता खुल सकता है। Apple अपनी security layers को किसी के लिए भी खोलना नहीं चाहता, चाहे वो सरकार ही क्यों न हो।
Apple’s Stance vs Government’s Wish
| Feature / Topic | Indian Government’s View | Apple’s View |
|---|---|---|
| Pre-installed Apps | Security apps (like spam detection) पहले से होने चाहिए। | हम कोई भी third-party app pre-load नहीं करेंगे। Phone clean रहना चाहिए। |
| User Safety | Apps होने से user fraud से बचेगा। | iPhone का iOS अपने आप में काफी secure है, अलग app की ज़रूरत नहीं। |
| Customization | Rules सबके लिए एक जैसे होने चाहिए (Android & iOS)। | Apple अलग है। हम अपना hardware और software खुद control करते हैं। |
| Privacy Concern | National Security और User help के लिए data ज़रूरी है। | हम User Privacy से समझौता (compromise) नहीं कर सकते। |



क्या Apple की जिद्द सही है? (User Perspective)
अब सवाल यह आता है कि एक User के तौर पर हमारे लिए क्या सही है?
अगर हम User Experience की बात करें, तो ज्यादातर iPhone users Apple के फैसले से खुश हैं। कोई भी नहीं चाहता कि जब वो 80,000 या 1 लाख रुपये का फोन खरीदे, तो उसमें उसे ऐसे apps मिलें जो वो delete न कर सके।
लेकिन दूसरी तरफ, भारत में Online Scams और Spam Calls बहुत बढ़ गए हैं। Android पर ‘Truecaller’ जैसा support आसानी से मिल जाता है, लेकिन iPhone में call recording और spam detection को लेकर Apple बहुत strict है। सरकार चाहती है कि iPhone users को भी spam calls से protection मिले।
Apple का Solution क्या है?
Apple ने मना तो किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो help नहीं करना चाहता। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Apple ने कहा है कि वो apps pre-install करने के बजाय, सरकार की guidelines को अपने iOS Operating System के अंदर ही integrate करने की कोशिश करेगा।
इसका मतलब है कि आपको अलग से कोई App नहीं दिखेगा, लेकिन Settings के अंदर कुछ ऐसे features दिए जा सकते हैं जो spam calls को रोकें। यह एक “Middle Ground” हो सकता है।
Sanchar Saathi पोर्टल क्या है?
चूँकि बात Sanchar Saathi की हो रही है, तो आपको पता होना चाहिए कि यह क्या है। यह भारत सरकार का एक बहुत ही शानदार portal है।
CEIR (Central Equipment Identity Register): अगर आपका फोन चोरी हो जाए, तो आप इस portal पर जाकर अपना फोन block कर सकते हैं।
TAFCOP: आप चेक कर सकते हैं कि आपके आधार कार्ड पर कितने सिम कार्ड चल रहे हैं।
सरकार चाहती है कि ऐसे features लोगों तक आसानी से पहुंचें। Android phone makers ने इस पर सहमति जताई है, लेकिन Apple का रास्ता अलग है।
आगे क्या होगा? (What Next?)
फिलहाल तो Apple अपनी बात पर अड़ा हुआ है। Apple दुनिया की सबसे बड़ी tech कंपनियों में से एक है और वो अपनी Brand Value और Privacy Promise को लेकर बहुत serious है।
वहीं दूसरी तरफ, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा smartphone market है। Apple भारत को ignore भी नहीं कर सकता। उम्मीद है कि आने वाले समय में Apple और Government के बीच कोई समझौता होगा। शायद Apple अगले iOS update में कुछ ऐसे Indian-specific features दे दे, बिना किसी app को force किये।
हमारी राय (Our Opinion)
दोस्तों, यह लड़ाई “Security vs Privacy” की है। सरकार चाहती है कि हम सुरक्षित रहें, और Apple चाहता है कि हमारे यूज़र्स का data private रहे।
मेरी राय में, Apple का stand सही है। अगर एक बार pre-installed apps की permission मिल गयी, तो कल को बहुत सारे apps हमारे फोन में जबरदस्ती डाल दिए जा सकते हैं। इससे iPhone और एक सस्ते Android फोन का फर्क खत्म हो जायेगा। हाँ, Spam protection ज़रूरी है, लेकिन उसे iOS के अंदर build-in feature की तरह आना चाहिए, न कि एक अलग App की तरह।
आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या Apple को सरकार की बात मान लेनी चाहिए? कमेंट करके जरूर बताएं!
